Wednesday 10 June 2015

केवल मैगी पर पाबंदी क्यों?

जिस तत्परता के साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकारो ने मैगी पर प्रतिबन्ध लागाया है क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि इतनी ही तत्परता सिगरेट, तम्बाकू और शराब को प्रतिबंधित करने में भी दिखाई जायेगी।

अभी बहस इस बात पर चल रही है कि सिगरेट के पैकेट के 80% भाग पर चेतावनी छपी जाए या 85% भाग पर।  यदि मात्र चेतावनी पढ़कर ही लोग नशा करना छोड़ देते तो भारत कब का नशा मुक्त राष्ट्र बन चूका होता।अगर वास्तव में सरकार की मंशा लोगो के स्वास्थ्य को लेकर इतनी ही नेक होती तो बजाय चेतावनी के इन नशीले पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाती।

दरअसल इनसे प्राप्त होने वाला मोटा राजस्व ही सरकार को कड़े कदम उठाने से रोकता है। पर इन व्यसनों के सेवन से होने वाली बीमारियों के इलाज पर जो बेहिसाब खर्चा होता है क्या उसका कोई हिसाब है? और फिर अस्वस्थ मानव संसाधनों का निर्माण कर हम किस प्रकार आर्थिक महाशक्ति  बनने का दावा कर सकते हैं। शायद सरकार यह मानती है की सिगरेट और शराब मैगी से कम खतरनाक है।

 Also published on editorial page of Hindustan newspaper dated 10.06.2014 and jansatta Newspaper dated 12.06.2015

http://epaper.jansatta.com/519585/Jansatta.com/Jansatta-Hindi-12062015#page/6/2